हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
كانَ جَدّي يَقولُ: تَقَدَّموا فِي الدُّعاءِ؛ فَإِنَ العَبدَ إذا كانَ دَعّاءً فَنَزَلَ بِهِ البَلاءُ فَدَعا، قيلَ: صَوتٌ مَعروفٌ، و إذا لَم يَكُن دَعّاءً فَنَزَلَ بِهِ بَلاءٌ فَدَعا، قيلَ: أينَ كُنتَ قَبلَ اليَومِ؟!
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
दुआ करने में दूसरों से जल्दी करो क्योंकि जब बंदा ज़्यादा दुआ करने वाला हो और इस पर कोई मुसीबत नाज़िल हो, और वह दुआ करें तो कहां जाएगा यह तो जानी पहचानी आवाज़ हैं,और जब वह ज़्यादा दुआ करने वाला ना हो और उस पर मुसीबत नाज़िल हो और वह दुआ करें तो इसे कहा जाएगा इससे पहले तू कहां था,
काफी,भाग 2,पेंज 472,हदीस 5